केरल में प्रभु ईसु की सेवा के लिये अपना जीवन देने वाली नन का बलात्कार करने वाले आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल के विरुद्ध बयान देने वाले फादर कुरियाकोस की संदिग्ध परिस्थितियों के अंदर मृत्यु हो गयी है। कुछ दिन पूर्व उनकी कार पर भी हमला किया गया था। उन्हें कई दिन से धमकियां दी जा रही थी।
यह प्रकरण केरल से चलता हुआ अब जालंधर तक पहुंच गया है। केरल में प्रभु ईसु की सेवा में अपना जीवन देने वाली एक नन ने चर्च के बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर 2014 से 2016 तक बलात्कार करने का आरोप लगाया था। इस नन को जालंधर के फादर कुरियाकोस ने पढाया था, वह जालंधर डायसिस में वोकेशनल टीचर थे। पीड़ित नन के समर्थन में अनेकों सिस्टर्स ने भी प्रदर्शन किया था। बात बढ़ने पर बिशप ने कहा था कि यह बदला लेने के लिये किया जा रहा है। केरल हाई कोर्ट ने बिशप फ्रैंको मुलक्कल को सशर्त जमानत दी थी, और कहा था कि वह केरल में प्रवेश नही कर सकते तथा उन्हें अपना पासपोर्ट भी जमा कराना होगा। इस प्रकरण का दुखद पहलू यह है कि जब बलात्कार के आरोपी जालंधर आये तो उनका फूलमालाओं से स्वागत किया गया, और नन तथा अन्य सिस्टर्स की पुकार को चर्च द्वारा कोई अहमियत नही दी गयी।
फादर कुरियाकोस ने बलात्कार के आरोपी बिशप के विरुद्ध बयान दिया गया, और उसके बाद उनकी संदेहजनक स्थिति में मृत्यु हो गयी है। वह मात्र 62 वर्ष के थे। जालंधर पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रही है, दासुआ के डीएसपी के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर ही म्रुत्यु के कारणो का पता चल सकेगा। कुरियाकोस सेंट पॉल चर्च में रहते थे, और वो वहीं मृत पाये गये, उनके शव पर किसी प्रकार की चोट का निशान नही मिला है, लेकिन ऐसा लगता है कि उन्हें बेड पर उल्टियां हुई थी, और वहाँ ब्लड प्रैशर की गोलियां भी मिली हैं।
फादर कुरियाकोस के परिवार का कहना है कि उनकी मृत्यु के पीछे बलात्कार के आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल हो सकते हैं, क्योंकि उन्होने मुलक्कल के विरुद्ध बयान दिया था।
पूरे विश्व के अनेक देशों में चर्च एक शक्तिशाली राजनैतिक हस्तक्षेप करने वाली हस्ती रहा है, और अनेकों मामले ऐसे है जब धार्मिक अधिकारियों द्वारा अनेकों प्रकार के पाप धर्म की आड़ में किये जाते रहे हैं। कुरियाकोस की मृत्यु से यह संदेह उठा है कि चर्च ने बलात्कार के आरोपी बिशप का इतना भव्य स्वागत क्यों किया तथा पीड़ित सिस्टर्स की पुकार पर वह क्यों ध्यान नही दे रहा है।