तालिबान आतंकी और पंजशीर के लड़ाकों के बीच युद्ध शुरु


अफगानिस्तान में तालिबान आतंकवादियों और उत्तरी गठजोड़ के बीच भीषण लड़ाई के समाचार मिले हैं। कहा जा रहा है कि इस लड़ाई में तालिबान के 50 आतंकवादियों को मारा जा चुका है। इसके साथ ही तालिबान के एक क्षेत्रीय कमांडर भी मारा गया है। उत्तरी गठजोड़ के 1 लड़ाके की मृत्यु हुई है और 6 घायल हुए हैं। अभी तक तालिबान से जुड़े सूत्रों ने इस समाचार की पुष्टि नहीं की है।

पंजशीर पर कब्जे की लड़ाई जारी

अफगानिस्तान में पंजशीर घाटी को छोड़कर लगभग पूरा देश तालिबान के कब्जे में आ चुका है और पंजशीर पर कब्जा करने के लिए तालिबान निरंतर प्रयास कर रहा है। काबुल न्यूज़ के अनुसार पंजशीर क्षेत्र के अंदराब जिले में सोमवार को छिड़ी लड़ाई में 50 से अधिक तालिबानी आतंकवादी मारे गए हैं, और उत्तरी गठजोड़ के विद्रोहियों ने 20 से अधिक तालिबानियों को बंधक बना लिया है।

  • पंजशीर पर कब्जे के लिये व्याकुल तालिबान आतंकी
  • कड़े विरोध से कब्जा करना हुआ कठिन
  • अनेक तालिबानी आतंकवादियों को पंजशीर के विद्रोहियों ने मारा

तालिबान का क्षेत्रीय कमांडर मारा गया

तालिबान के क्षेत्रीय कमांडर को भी अपने तीन साथियों के साथ मारा गया है। पंजशीर घाटी अभी तक अफगानिस्तान का अकेला प्रांत है जिस पर तालिबान अपना अधिकार नही कर सका है। यहां पर विद्रोही लड़ाके तैयार हैं। उत्तरी गठजोड़ का नेतृत्व कर रहे विद्र्होयों ने पहले ही कहा है कि हम युद्ध के लिए तैयार हैं लेकिन अगर इससे बचने के लिए बातचीत होती है तो हम उसके लिए भी तैयार हैं।

9,000 विद्रोहियों की सेना तालिबान से युद्द को तैयार

पंजशीर में अहमद मसूद ने विद्रोही नेताओं को अपने पक्ष में मिला लिया है और अफगानी फौज के साथ तालिबान विद्रोहियों को एकत्र कर 9000 लड़ाकों की एक फौज तैयार कर ली है जिसे निरंतर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन विद्रोहियों के पास गाड़ियां तथा हथियार भी हैं। इसी बीच तालिबान में अभी तक सरकार बनाने की कोई तिथि की घोषणा नहीं की है लेकिन उन्होंने कहा है कि जब तक सभी अमेरिकी सैनिक पूरी तरह वापस नहीं चले जाते तब तक सरकार के गठन की घोषणा नहीं की जाएगी।

तालिबान ने दी अमेरिका को धमकी

तालिबान ने अमेरिका को धमकी भी दी है कि वह 31 अगस्त तक अपने सभी सैनिकों को वापस बुला ले, 31 अगस्त के बाद 1 दिन की भी छूट अमेरिका को नहीं दी जाएगी। उधर अमेरिका द्वारा सैनिकों को वापस बुलाने के निर्णय की अमेरिका में भी तीव्र आलोचना की जा रही है। इस निर्णय के कारण ही अफगानिस्तान में तालिबान बहुत तेजी से आगे बढ़ा और पूरे देश पर कब्जा जमा लिया। इस समय भी अफगानिस्तान में अराजकता और अनिश्चितता मची हुई है।

विश्व के अनेकों देश अपने नागरिकों को अफगानिस्तान से बाहर निकालने के लिए प्रयास कर रहे हैं। तालिबानी आतंकवादी सड़कों पर खुलेआम घूम रहे हैं, और इस्लामिक कानूनों का पालन ना करने पर लोगों को पीटने से लेकर हत्या तक कर रहे हैं। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पूरी तरह समाप्त कर दी गई है, तथा तालिबान आतंकियों द्वारा क्रूरता तथा हिंसा का सार्वजनिक प्रदर्शन किया जा रहा है।


Share this post:

Related Posts