मोदी की रैली में हुए धमाके के आरोपियों को फांसी की सजा


वर्ष 2013 में नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली में हुए सीरियल ब्लास्ट के आरोपियों को पटना कि एनआईए कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई है। 27 अक्तूबर 2013 को हुए इन सीरियल बम धमाकों में 6 लोग मारे गए थे और 80 से अधिक लोग घायल हुए थे।

आतंकवादियों द्वारा पटना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली में बम विस्फोट किए गए थे, जिसके 8 साल बाद इस ब्लास्ट के 9 दोषियों को 6 बेगुनाहों की हत्या करने के लिए दोषी ठहराया गया। कोर्ट ने चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है, तो दो दोषियों को उम्रकैद, अन्य दो दोषियों को 10 साल की सजा, और एक दोषी को 7 साल की सजा सुनाई है।

इनमें से हैदर अली, नोमान अंसारी, मोहम्मद मुजीब, उल्लाह अंसारी, और इम्तियाज आलम को फांसी की सजा दी जाएगी, उमर सिद्दीकी, अजहरुद्दीन कुरेशी, इन दोनों को उम्र कैद की सजा मिली है।


अहमद हुसैन, मोहम्मद फिरोज असलम, को 10 साल तक जेल में रहना होगा, और एक अन्य दोषी इफ्तेखार आलम को 7 साल तक जेल जाने की सजा सुनाई गई है। एनआईए की कोर्ट द्वारा यह सभी 9 लोग पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में सिलसिलेवार बम धमाके के दोषी माने गए। इसके अलावा पटना जंक्शन के प्लेटफार्म 10 पर भी एक बम धमाका हुआ था।


इस मामले में 187 लोगों की गवाही हुई, एनआईए की टीम ने 2014 में मुख्य आरोपी रांची के रहने वाले इम्तियाज अंसारी के साथ ही 10 लोगों के खिलाफ एनआईए कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी। यह सभी आरोपी इस समय बेउर जेल में बंद है।


इस मामले में पहली प्राथमिकी 27 अक्टूबर 2013 को पटना के गांधी मैदान थाने में दर्ज की गई, 31 अक्टूबर को एनआईए ने यह केस अपने अंतर्गत लिया, और 1 नवंबर को दिल्ली के एनआईए थाने में इसकी फिर से प्राथमिकी दर्ज की गई। एनआईए द्वारा एक नाबालिग समेत 12 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र बनाया गया था, इसमें से एक आरोपी की मृत्यु ईलाज के दौरान हो गई। जुवेनाइल बोर्ड द्वारा नाबालिग आरोपी को 3 साल की सजा पहले ही सुनाई जा चुकी है।


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