कांग्रेस और आम आदमी पार्टी गठबंधन के लिये संपर्क में।


दिल्ली में विपक्षी दलों द्वारा 9 दिसंबर को की गयी बैठक के बाद यह तय है कि आगामी लोकसभा चुनावों में केंद्र सरकार को हटाने के लिये विपक्षियों द्वारा व्यूह रचना जारी है। इसी प्रयासों के तहत अब यह संभावना बन रही है कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दिल्ली के साथ ही पंजाब और हरियाणा में भी चुनावी गठबंधन तैयार कर रहे हैं।

आम आदमी पार्टी का कांग्रेस का यह गठबंधन करना लाखों कार्यकर्ताओं के लिये एक सदमे जैसा है, क्योंकि 2010 से ही केजरीवाल कांग्रेस के विरुद्ध थे और उसको सबसे अधिक भ्रष्ट बताते थे। अन्ना हजारे को कांग्रेस के विरुद्ध अनशन पर बैठाकर उन्होंने अपनी पार्टी की नींव रखी।

केजरीवाल का यह कदम उन्हें यू टर्न कहने वालों की बात को पुनः सत्य सिद्ध कर रहा है, जो कहते हैं कि वह एक ऐसे अवसरवादी नेता हैं जो मौका आने पर किसी के भी साथ हो जाते हैं। सत्ता में आने से पहले जब उन्होंने पार्टी भी नही बनाई थी, तब से केजरीवाल अपने एनजीओ के साथ कांग्रेस की नीतियों और कामों का विरोध करते रहे, किंतु सत्ता में आते ही सबसे पहले उन्होंने कांग्रेस का समर्थन लिया, और अपनी कही गयी अनेकों घोषणाओं से मुंह फेर लिया।

अनेकों बार उनके कहे गये वाक्य उनके गले की हड्डी बन चुके हैं। हमारे विधायक घर नही लेंगे किंतु उन्होंने स्वयं के लिये एक बड़ा आवास  चुना, हमारे विधायक वेतन नही लेंगे, लेकिन उन्होंने अपने विधायकों का वेतन 80 गुना तक बढा दिया, हमारे विधायक महिलाओं का सम्मान करेंगे, लेकिन उनके विधायक अश्लील साइट चलाते, अपनी पत्नी को कुत्ते से कटवाते, और राशन कार्ड बनाने का प्रलोभन देकर शारीरिक उत्पीड़न करते दिखे।

दिल्ली के बाद हुए प्रत्येक चुनाव में आम आदमी पार्टी को भारी पराजय का सामना करना पड़ा, लगभग सभी जगह उसके प्रत्याशी अपनी जमानत भी नही बचा सके। अन्ना हजारे के अनशन के ऊपर पैर रखकर बनाई गयी यह पार्टी अपनी महत्वाकांक्षा के लिये किसी भी प्रकार का समझौता करने को तैयार है, और इसके लिये अब वह भ्रष्ट और घोटाले के आरोपों  से घिरी कांग्रेस के साथ गठबंधन करने को आतुर है।


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