अधिकारियों की प्रोन्नति और वेतन वृद्धि जनता के आकलन पर निर्भर होगी।


सरकारी तंत्र की कार्य के प्रति गंभीरता और दक्षता बढाने के लिये निरंतर किये जा रहे परिवर्तनों में एक और प्रयास केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा है। अब अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्य को जनता द्वारा आकलन करने का एक तंत्र विकसित किया जायेगा, जिसमे जनता अपने अनुभव के अनुसार अधिकारियों को ग्रेड देगी। यह व्यवस्था पारदर्शी होगी, तथा इस ग्रेड से अधिकारियों की प्रोन्नति और वेतनवृद्धि को तय किया जायेगा।

प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर इसका प्रारूप तैयार किया गया है, जिस अधिकारी या कर्मचारी को अच्छे ग्रेड मिलेंगे, उन्हें अधिक बेहतर प्रोन्नति दी जायेगी। इस नई व्यवस्था में आम जनता सरकारी कर्मचारियों से काम के समय अपने अनुभव के आधार पर ग्रेडिंग देगी, और आम लोगों की तरफ से मिली इस ग्रेडिंग को अधिकारियों और कर्मचारियों की प्रोन्नति और वेतन वृद्धि का पैमाना माना जायेगा।

इस नई व्यवस्था में आम जनता अधिकारियों के कामकाज को ग्रेड और अंक प्रदान करेगी, और यह अंक अधिकारियों के रिकार्ड में लिखे जायेंगे। सातवें वेतन आयोग ने सरकारी कर्मचारियों के कामकाज की समीक्षा उन्नत करने के लिये सुझाव दिये थे। जिन विभागों और मंत्रालय का संपर्क सीधे आम लोगों के साथ होता है, वहां के कर्मचारियों की प्रोन्नति और वेतन वृद्धि के लिये आम जनता द्वारा दिये गये ग्रेड को 80% तक महत्व दिया जायेगा।

यह नई व्यवस्था 1 अप्रैल 2019 से लागू हो सकती है। इस व्यवस्था द्वारा अधिकारियों के काम की समीक्षा सीधा आम जनता द्वारा की जा सकेगी, और इस कारण से अपेक्षा है कि सरकारी अधिकारी अब अपनी ग्रेडिंग को सही रखने, तथा प्रोन्नति और वेतनवृद्धि पाने के लिये अपने कार्य को अधिक गंभीरता और दायित्वपूर्ण तरीके से करेंगे। जिससे आम जनता को भी लाभ होगा तथा काम काम में तेजी आयेगी।


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