अजहर मसूद की ढाल बना चीन, सुरक्षा परिषद में वैश्विक आतंकी घोषित नही होने दिया।


पाकिस्तानी आतंकवादी अजहर मसूद को सुरक्षा परिषद के द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित करने के भारत के प्रयासों को एक बार फिर चीन ने रोक दिया है। भारत में हुई अनेकों हिंसक घटनाओं में जैश ए मुहम्मद के इस आतंकवादी का हाथ पाया गया है और संयुक्त राष्ट सुरक्षा परिषद में इसको वैश्विक आतंकवादी घोषित करने का प्रयास भारत की ओर से किया जा रहा है। अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और रूस ने भारत के प्रस्ताव का समर्थन किया है लेकिन चीन ने चौथी बार इस प्रस्ताव का विरोध कर इसको रोक दिया। इस बार सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि वह आतंकवाद के विरुद्ध अपनी ऐसी नीतियों पर कायम रहेगा तो अन्य प्रकार की कार्रवाई की जा सकती हैं, चीन के कारण ऐसी स्थितियों को पैदा नही होना चाहिये।

पुलवामा में सीआरपीएफ के 40 से अधिक जवानों की हत्या की जिम्मेदारी जैश ए मुहम्मद ने ली थी, जिसके उत्तर में भारतीय वायुसेना ने उसके प्रशिक्षण शिविर पर पाकिस्तान के अंदर जा कर आक्रमण किया था, और उसके बाद उत्पन्न हुए तनाव में पाकिस्तान का एक F -16 विमान भी भारत ने नष्ट कर दिया था।

चीन के पास संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो की शक्ति है, जिसके उपयोग से कोई भी प्रस्ताव रोका जा सकता है। पिछ्ले 4 बार से चीन ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने से अपनी वीटो शक्ति का उपयोग कर रोक दिया है। जिसके कारण पाकिस्तान का मनोबल बढता है और वो मसूद अजहर को अपनी जमीन का उपयोग भारत के विरुद्ध आतंक फैलाने में करवाता है।
चीन को मसूद अजहर से यह डर है कि यदि उसके विरुद्ध कुछ किया गया तो उसके आतंकवादी OBOR प्रोजेक्ट को पूरा नही होने देंगे और उसके द्वारा निवेश किया सारा पैसा व्यर्थ चला जायेगा। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति दिवालिया होने के कगार पर है, देश का विदेशी पूंजी भंडार बहुत कम है, और वहां की आतंकी, अराजकता, और प्रशासन विहीनता को देखते हुए कोई भी देश निवेश नही कर रहा है।

भारत की ओर से पाकिस्तान से होने वाले आयात पर 200% की ड्यूटी लगा देने से भी पाकिस्तान को बहुत नुकसान हो रहा है और उसके व्यापारियों को बहुत घाटा उठाना पड़ रहा है। ऐसे में आर्थिक रूप से और अधिक प्रतिबंध लग जाने की स्थिति में पाकिस्तान को आतंक के विरुद्ध लड़ाई छेड़ने पर ही कोई सहायता देने के लिये विश्व के देश सहमत हो जाते हैं तो पाकिस्तानी सरकार को यह लड़ाई छेड़नी ही पड़ेगी और अपने देश में पल रहे भारत विरोधी आतंकवाद को भी कुचलना पड़ेगा।


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