व्यापार बंद करने का पाकिस्तान का आत्मघाती कदम



काश्मीर में धारा 370 तथा 35A की समाप्ति से बौखलाये पाकिस्तान ने बिना परिणाम सोचे भारत से सभी व्यापार को समाप्त करने का निर्णय लिया। जल्दबाजी और शत्रुतापूर्ण मानसिकता से लिये गये निर्णय में वहाँ की सरकार ने इस निर्णय से पहले किसी प्रकार का कोई आकलन नही किया, जिसका परिणाम है कि अब यह निर्णय उनके गले में एक फांस की तरह अटक गया है।

पाकिस्तान दैनिक उपयोग की प्याज और टमाटर जैसी वस्तुओं के लिये भी भारत पर निर्भर है, इसके अतिरिक्त केमिकल्स के लिये भी वह भारत पर ही निर्भर रहता है। इस वर्ष फरवरी में हुए पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत पाकिस्तान के बीच व्यापार  बहुत कम हो गया है। भारत द्वारा पाकिस्तान से आयात की जाने वाली वस्तुओं पर 200% कस्टम ड्यूटी लगा दी गयी थी, जिसके कारण भारतीय कारोबारियों ने वहां से सामान मंगाना कम कर दिया था।

धारा 370 और 35A को समाप्त करने पर अपना विरोध जताने के लिये पाकिस्तान ने व्यापार बंद करने की घोषणा तो कर दी, लेकिन इसके कारण निकट भविष्य के साथ ही लंबे समय तक इसका नुकसान पाकिस्तान को उठाना पड़ेगा। पाकिस्तान अपने यहां की दैनिक उपयोग की अनेकों वस्तुओं को भारत से मंगाता है। व्यापार बंद करने के कारण अब यह वस्तुएं पाकिस्तान नही जायेंगी तो वहां इनकी कमी होगी, जिससे महंगाई बढने की संभावना है। वहीं दूसरी ओर भारत अपनी किसी भी वस्तु के लिये पाकिस्तान पर निर्भर नही है, साथ ही भारत की अर्थव्यवस्था पाकिस्तान से अधिक मजबूत और स्थायित्व से भरी है।

यह निश्चित है कि धारा 370 और 35A अब दोबारा काश्मीर में नही लगाई जा सकेगी, ऐसे में पाकिस्तान का यह आत्मघाती कदम वहां की जनता को और अधिक कष्ट में डालेगा। पाकिस्तान के राजनेता अपनी आर्थिक स्थिति को खराब करने के लिये तो उत्तरदायी हैं ही, साथ ही वह इसके भविष्य को अंधकार में डालने के निर्णय ले कर देश को अराजकता और अंधकारमय भविष्य की ओर ले जा रहे हैं।


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