दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मारपीट के आरोपी, जमानत मिली।


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया तथा अन्य आप विधायकों को आज न्यायाधीश के सामने उपस्थित होना है। इन सभी राजनैतिक व्यक्तियों को मुख्य सचिव से मारपीट करने के आरोपों पर अपना जवाब देकर जमानत लेनी है। गत 19 फरवरी दिल्ली के मुख्य सचिव को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया तथा 11 आप विधायकों द्वारा जान से मारने तथा गंभीर चोट पहुंचाने की धमकी दी गयी थी। इस घटना पर 1300 पृष्ठों की चार्जशीट पर अदालत ने विभिन्न धाराओं पर आपराधिक षडयंत्र के लिये उकसाने के आरोप पर संज्ञान लिया था।

न्यायालय के अनुसार इस घटना पर कार्यवाही को आगे बढाने के लिये पर्याप्त आधार था, और इसी क्रम में आज दिल्ली के मुख्यमंत्री तथा उप मुख्यमंत्री न्यायाधीश के सामने उपस्थित हुए, उनके अतिरिक्त अमानतुल्लाह खान, अजय दत्त, राजेश ऋषि, राजेश गुप्ता, मदनलाल, प्रवीण कुमार और दिनेश मोहनिया को भी कोर्ट में आना होगा। आरोपी आज अपनी जमानत के लिये आवेदन किया, जिस पर कोर्ट ने अपना निर्णय देते हुए जमानत दे दी।
दिल्ली के मुख्य सचिव से मारपीट करने के लिये दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया तथा अन्य विधायकों को आरोपी बनाया गया है। गत 19 फरवरी की रात को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मुख्य सचिव को अपने घर पर एक बैठक के लिये बुलाया गया तथा वहां उन पर हमला किया गया था।

किसी सरकार के उच्चस्तरीय ब्यूरोक्रेट पर हमले का यह गंभीर उदाहरण है। राजनैतिक लोगों द्वारा अपनी बात को जबरदस्ती मनवाने तथा ना मानने पर हमला करने जैसी मानसिकता से सरकार के काम करने के तरीके पर प्रश्न चिह्न उठता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल एक आंदोलन से निकले हुए राजनैतिक व्यक्ति हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने अवसरवादिता का उदाहरण देते हुए सामाजिक आंदोलन करने वाले अन्ना हजारे को सीढी की तरह उपयोग किया। अन्ना हजारे अनेको बार दिल्ली के मुख्यमंत्री पर गलत कार्य करने के विचार प्रकट कर चुके हैं।

न्यायालय ने आरोपियों को राहत देते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया तथा अन्य आप विधायकों की जमानत स्वीकार कर ली है। स्मरण रहे कि 2010 में ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन‘ आंदोलन का अपनी राजनैतिक महत्वाकांक्षा के लिये उपयोग कर अरविंद केजरीवाल राजनीति में कूद पड़े थे। उस समय आंदोलन को देश भर में फैलाने वाले लोगों को एक एक करके बाहर फैंक कर वह सर्वेसर्वा बने, तथा बाद में अपनी राजनैतिक पार्टी बना ली थी।  आंदोलन के पहले चरण में बाबा रामदेव, सुब्रमण्यम स्वामी, महेश गिरी जैसे व्यक्तियों के सहयोग से आंदोलन को बढाया गया, तथा सफलता मिलने पर इन सभी को एक एक करके बाहर कर दिया गया था। इसके अतिरिक्त आंदोलन के दौरान एकत्र किये गये करोड़ों रुपयों का कोई भी लेखा जोखा नही दिया गया था।


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