इलाहाबाद का नाम पुनः प्रयागराज किया जायेगा।


देश के इतिहास और प्राचीन विरासत की पहचान कुंभ मेले के आयोजन से जुड़े मार्गदर्शक मंडल की पहली बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इलाहाबाद का नाम पुनः प्रयागराज करने की घोषणा की, जिसे प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने भी सहमति दे दी है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि बैठक में संतों तथा समाज के गणमान्य नागरिकों ने इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किये जाने का प्रस्ताव रखा था, जिसे सैद्धांतिक रूप से स्वीकृति दी जा चुकी है, और प्रदेश के राज्यपाल ने भी इस प्रस्ताव पर अपनी सहमति जतायी है तो सरकार का प्रयास होगा कि जल्दी से जल्दी इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज हो जाये। जहाँ दो नदियों का संगम होता है उस स्थान को प्रयाग कहते हैं, उत्तराखंड में देवप्रयाग, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग उदाहरण हैं, हिमालय से निकलने वाली गंगा तथा यमुना नदी प्रयाग में आपस में मिलती हैं, अतः इसे प्रयागराज कहा जाता है। स्मरण रहे कि विश्व के सबसे बड़े धार्मिक एकत्रीकरण कुंभ का पर्व इस बार प्रयागराज में आयोजित किया जा रहा है, इसके लिये 3200 हेक्टेयर में यह मेला आयोजन होगा, जिसके लिये 1,22,000 शौचालय, 20,000 कूड़ेदान, तथा 11,400 सफाई कर्मी तैनात किये जायेंगे, इसके अतिरिक्त 4 बैंकों की शाखायें, 20 एटीएम के साथ ही 34 मोबाइल टावर स्थापित किये जायेंगे, ताकि मेले मे आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा ना हो।
यह मेला 48 दिनों तक चलेगा और इस से जुड़ी 445 परियोजनाओं मे से 92 का कार्य पूर्ण हो गया है, 88 परियोजनाओं का कार्य 15 अक्तूबर तक और 250 परियोजनायें 31 अक्तूबर तक पूर्ण हो जायेंगी, तथा अन्य 52 परियोजनाओं का कार्य 15 नवंबर तक पूर्ण हो जायेगा।


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